ड्रग्स एडिक्शन का ईलाज एडिक्टस की ड्रग्स को लेने के लिए बैचेनी - ड्रग्स को ढूंढ़ने और प्रयोग करने से रोकने के लिये एक साहयता है।
ईलाज की विभिन्न सैटिंग हो सकती है ,विभिन्न तरीके हो सकते है व विभिन्न समय अवधि हो सकती है।
एक छोटी अवधि का एक बार में लिया गया ईलाज काफी नहीं होता है। अधिकतर ईलाज एक लंबी चलने वाली प्रकिर्या है जिसमे अनेक भाग होते है और लगातार देखभाल आवश्यक है।
ईलाज विभिन्न प्रकार का हो सकता है जिसमे बिहैवियर थेरैपी - कॉउंसलिंग -मैडीकशन अथवा इन सब का सयुंक्त रूप से प्रयोग हो सकता है।
विशेष प्रकार का ईलाज अथवा विभिन्न ईलाजो का सयुंक्त ईलाज एडिक्ट की आवश्यकता व उसके द्वारा प्रयोग की जाने वाली ड्रग्स पर निर्भर करता है।
सर्वोत्तम ईलाज विभिन्न थेरैपी का सयुंक्त प्रयोग व अन्य सर्विस का जोड़ होता है जो एडिक्ट की आवश्यकताओ को पूरा कर सके।
एडिक्ट की आवश्यकताओ मे उसकी उम्र -कल्चर -जैंडर -दूसरी ड्रग्स का भी उपयोग -तनाव -जॉब व फिजिकल इतिहास सम्मिलित होता है।
ईलाज संबधी दवाईया जैसे मैथाडोंन -बिनोर्फिन व नालट्रेक्सोन अफीम के एडिक्ट के ईलाज के लिये उपलब्ध है।
साईकोएक्टिव दवाईया जैसे एंटी डिप्रेसेन्ट - एंटी एनाक्सटी - मूड स्टेबलाईजर व एंटी साईकोटिक भी ईलाज के सफलतापूर्वक पूरा होने मे मददगार है जब एडिक्ट मेंटल -डिसऑर्डर से गुजर रहा हो। जैसे तनाव -चिड़चिड़ापन या सिजोफ्रेनिया।
बिहैवियर थेरैपी एडिक्ट को ईलाज मे भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करती है। ड्रग्स से दूर रहने के व रिलैप्स होने से बचने के तरीके बताती है व यदि एडिक्ट रिलैप्स हो जाता है तो उसे उस स्थिति को संभालना सिखाया जाता है।
बिहैवियर थेरैपी व दवाईयो का सयुंक्त प्रयोग अधिक असरकारक होता है क्योकि यह एडिक्शन के विभिन्न पहलू पर कार्य करता है।
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